13th June,....2014..
Delhi .....
B.S.Sharma....
(Rachnakar )
" भृगुवंशज "
ऐ , प्रभो , मेरे समाज को ऐसा बना ,
जहां ज्ञान की श्रंखला बहे ,
जहां लोग दलगत विचारो से ऊपर उठकर,
स्वछंद विचारो का आदान-प्रदान करे,
जहां गंगा की भांति पवित्र मन हों ,
चंदा की भांति शीतल तन हों ,
ऐसे लोगों को जिनका निंदा ही धर्म बन गया है ,
द्धेष और ईर्षा कर्म बन गया है ,
निकाल उस ज़िंदगी से,
जहां उन्हें स्वछन्द वातावरण मिले ,
ताकि मेरे समाज की रचना ऐसी हो ,
जिसका नाम उज्जवल हो ,
जहां निर्बाध ज्ञान फैले ,
जहां मन निडर और मस्तिष्क उचा रहे ,
जहां समाज विभाजित ना हो ,
जहां मन रूपी दर्पण साफ़ हो ,
और आपस में विष्वास हो ,
जहां कटुता का नाश हो ,
घर घर लक्ष्मी का वास हो ,
जहां समाज का बच्चा बच्चा देश के लियें ,
स्वेछा से गर्दन झुका दे,
संकट के समय देश के लिए मिट कर दिखा दे,
मुझे भी गर्व होगा :भरगुवंसज " कहलाने का ,
मर मिटु समाज और देश के लिए और अवसर बता दे,
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Delhi .....
B.S.Sharma....
(Rachnakar )
" भृगुवंशज "
ऐ , प्रभो , मेरे समाज को ऐसा बना ,
जहां ज्ञान की श्रंखला बहे ,
जहां लोग दलगत विचारो से ऊपर उठकर,
स्वछंद विचारो का आदान-प्रदान करे,
जहां गंगा की भांति पवित्र मन हों ,
चंदा की भांति शीतल तन हों ,
ऐसे लोगों को जिनका निंदा ही धर्म बन गया है ,
द्धेष और ईर्षा कर्म बन गया है ,
निकाल उस ज़िंदगी से,
जहां उन्हें स्वछन्द वातावरण मिले ,
ताकि मेरे समाज की रचना ऐसी हो ,
जिसका नाम उज्जवल हो ,
जहां निर्बाध ज्ञान फैले ,
जहां मन निडर और मस्तिष्क उचा रहे ,
जहां समाज विभाजित ना हो ,
जहां मन रूपी दर्पण साफ़ हो ,
और आपस में विष्वास हो ,
जहां कटुता का नाश हो ,
घर घर लक्ष्मी का वास हो ,
जहां समाज का बच्चा बच्चा देश के लियें ,
स्वेछा से गर्दन झुका दे,
संकट के समय देश के लिए मिट कर दिखा दे,
मुझे भी गर्व होगा :भरगुवंसज " कहलाने का ,
मर मिटु समाज और देश के लिए और अवसर बता दे,
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