Friday, June 12, 2015

डकोत ब्राह्मण और *शनि दान *

                                                   *  डकोत  ब्राह्मण और *शनि दान *
                        प्राय : देखा गया है की  वर्तमान में मैट्रो शहरों  के चौराहो  व् गलियो में शनिवार के दिन
शनि दान लेने वाले   बड़े व् बच्चें काफी संख्या में नजर आयेंगे ।  क्या कभी हमने आपने सोचा है की ये
लोग *डकोत  ब्राह्मण * या उनके बच्चें  ही है,  नहीं , ऐसा  नही है , ये  लोग किसी दूसरी जाति (वर्ग ) के
मिलेंगे , क्योकि ऐसे लोगो ने  शनि दान की आढ़  में *डकोत  ब्राह्मण * के रूप में  आजीवका  का साधन
बना लिया है,।  नवम्बर.  २००२ ( The times of India)  में एक लेख में बताया गया था की  दिल्ली  के
कनॉट प्लेस  इलाके में  शनि का दान लेने वाले  प्रत्येक शनिवार को  २५०० से ३००० तक की कमाई करते
है ।  यह भी बताया गया था की  कुछ ( जो इस धंधे में लिप्त ) है , वे लोग ( Shani Idols) रोड के साथ  भीड़ -
भाड़ वाले इलाक़े में रख देते है , उसकी देख रेख के लिए  ६०-७० रुपए में छोटे बच्चे (hire)  कर लेते है ,और
इस प्रकार एजेंट्स  मोटी कमाई करते है ।
                         समय के बदलते परिवेश में यदि वर्तमान में देखा जाये , गोर किया जाये  तो (डकोत
ब्राह्मण) वर्ग( जाति )   के बहुत कम लोग  (शनि का दान)  ग्रहण करते है , क्योकि कई प्रांतो में स्थानीय
पुलिस ( Begging act )  में  ऐसे लोगो को ( बुक) कर देती है ,जिससे * डकोत ब्राह्मण * के मान सम्मान  के
साथ साथ (आत्मगिलानी) का शिकार भी होना पड़ता है  , इस प्रकार कोर्ट - कचहरी के  चककर  भी लगाने
पड़ते है ।  इन सब बातो को मध्य नजर रखते हुए (डाकोत  ब्राह्मण ) जाति  अधिकतर लोगो ने इस किस्म का
इस तरह दान लेना बंद कर दिया है ।  प्रमाण के तोर पर यदि इस बात की पुस्टि  की जाये तो  बड़े बड़े  शनि
मंदिरो में  शनिवार के दिन आने वाला दान ( चढ़ावा)  डकोत  ब्राह्मण के पास नही पहुंच पाता ,क्योकि (शनि
मंदिरो) में  पुजारी  डाकोत  जाति  का होता ही नही , बड़े मंदिरो में तो केवल उच्च कोटि के ब्राह्मण ही मंदिर
के पुजारी  होते है , और दान भी वो ही ग्रहण करते है , यह तो केवल दानदाता की संतुष्टि है की शनि मंदिर में
जो दान दिया जाता है उसे ( डाकोत ब्राह्मण )  ही ग्रहण करता है ।
                       दान  लेने और देने के इस मोहजाल (चकरवुह ) में दानदाता ही  को ज्यादा नुकसान  की
भरपाई  करनी होती है , क्योकि दानदाता द्वारा दिया  गया दान उस ब्राह्मण  के पास नही पहुंचा ,जिसको
देने से ( शनि दशा ) का प्रकोप कम होता , यही  कारण है की वर्तमान में (शनि की दशा ) से पीड़ित व्यक्ति  को
दान देने  के  उपरान्त   भी  शनि प्रकोप  से मुक्ति नहीं मिलती । इसी लिए कहा गया है की (शनि दान ) डकोत ब्राह्मण  को ही देना उचित बताया गया है. । .::::::::::::::::::::
                       
                                                                           (B.S.Sharma)
                                                                              Delhi.


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