क्रमश ,भरगुभवन ,मंदिर एवं धर्मशाला का इतिहाश :-
कुमारी कीर्ति गौड़ ने (भरगु भवन ,मंदिर एवं धर्मशाला ) के समाज को समर्पित के अवसर पर निम्न कविता पढ़कर दानदाताओ का दिल जीता : यह कविता (भरगुमित्र )पत्रिका के संपादक ने पत्रिका में (2o Jan.2010) ko प्रकाशित की :-
सपना एक साकार हुआ , नमस्कार है उस सकती को '
ऐसा पहली बार हुआ,, यह जिसने प्लान बनाया है ,
झंडा उचा रहे सभी का ,
सुबह शाम सब आओ ,मिलके। यह सब संतो की माया है ,
दीप जलाये मंदिर में, अछा रंग जमाया गौड़ जी,
भेद -भाव का काम नही सब पुष्प ', ये कैसा चमत्कार हुआ,
पुष्प चढ़ाये मंदिर में, रचा नया इतिहास ये देखो;
नाचो गो खुशी मनाओ , भृगुवंशी वीर सिपाहियों ने,
एक सफर नया तैयार हुआ, जीत लिया दिल भरगुजनो का
सपना एक साकार हुआ ::::::::::::: दो वर्दी वाले भाइयो ने,
प्रथम पूजा श्री गणेश की शुरू हुआ अध्याय तीसरा,
हाथ जोड़ हम करते है , दसक साठ का पार हुआ
सपना एक साकार हुआ ,
भरगु संहिता भरगु जी की ऐसा पहली बार हुआ ।
नमन उन्हें हम करते है :::::::::::::::::::::::::
नमस्कार है सभी जनो को
एक मंच नया टायर हुआ ,
सपना एक साकार हुआ :::::::::::::
पूरब -पश्चिम ,उतर,दखिन ,
ये सब भगतों की क्यारी है ,
नही वीर कोई नही बादशाह ,
यह हिम्मत की फुलवारी है ,
बगिया में आहत बढ़ने लगी,
एक नया अहम टायर हुआ,
सपना एक साकार हुआ ::::::::::::
कुमारी कीर्ति गौड़ ने (भरगु भवन ,मंदिर एवं धर्मशाला ) के समाज को समर्पित के अवसर पर निम्न कविता पढ़कर दानदाताओ का दिल जीता : यह कविता (भरगुमित्र )पत्रिका के संपादक ने पत्रिका में (2o Jan.2010) ko प्रकाशित की :-
सपना एक साकार हुआ , नमस्कार है उस सकती को '
ऐसा पहली बार हुआ,, यह जिसने प्लान बनाया है ,
झंडा उचा रहे सभी का ,
सुबह शाम सब आओ ,मिलके। यह सब संतो की माया है ,
दीप जलाये मंदिर में, अछा रंग जमाया गौड़ जी,
भेद -भाव का काम नही सब पुष्प ', ये कैसा चमत्कार हुआ,
पुष्प चढ़ाये मंदिर में, रचा नया इतिहास ये देखो;
नाचो गो खुशी मनाओ , भृगुवंशी वीर सिपाहियों ने,
एक सफर नया तैयार हुआ, जीत लिया दिल भरगुजनो का
सपना एक साकार हुआ ::::::::::::: दो वर्दी वाले भाइयो ने,
प्रथम पूजा श्री गणेश की शुरू हुआ अध्याय तीसरा,
हाथ जोड़ हम करते है , दसक साठ का पार हुआ
सपना एक साकार हुआ ,
भरगु संहिता भरगु जी की ऐसा पहली बार हुआ ।
नमन उन्हें हम करते है :::::::::::::::::::::::::
नमस्कार है सभी जनो को
एक मंच नया टायर हुआ ,
सपना एक साकार हुआ :::::::::::::
पूरब -पश्चिम ,उतर,दखिन ,
ये सब भगतों की क्यारी है ,
नही वीर कोई नही बादशाह ,
यह हिम्मत की फुलवारी है ,
बगिया में आहत बढ़ने लगी,
एक नया अहम टायर हुआ,
सपना एक साकार हुआ ::::::::::::
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