" किस्मत एक चक्रव्यूह "
किस्मत एक चक्रव्यूह है।
कभी हसाती है तो कभी रुलाती है
ज़िंदगी के सभी खेल , इसकी गिरफ्त में है ,
यही तो है ,जो इंसान के साथ ,उठा पठक
तरह तरह के अभ्यास एवं तजुर्बे करना सिखाती है
इंसान " आशा "के दम पर रोज नए नए तजुर्बे करता है /
किस्मत को आजमाने का प्रयास भी। . :::::::::
किस्मत के साथ एक सब्द मेहनत को जोड़ कर संतोष
कर लेते है , जिसे चोली -दामन का साथ बताया जाता है।
यह ठीक है की मेहनत इंसान की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है ,
ज़िंदगी में उतार चढ़ाव लाती है ,परन्तु मिलेगा वो ही जो
प्रालब्ध में है।
हमने देखा है उन महंती लोगो को शर्दी ,गर्मी ,बरसात एवं
लूह के उन थपेड़ो में काम करते हुए ,जिन्होंने ,उँची उँची मंजिलो पर
चढ़कर , ईंटे पहुँचाने का काम किया ,बिल्डिंगों का निर्माण किया
या करवाया ,उनकी मेहनत में न कोई कसर बाकि रही , न ही कोई दुर्भावना ,
परन्तु उन मेहनती लोगो को वो ही हासिल हो पाया ,जो उनकी किस्मत में था .
यदि किस्मत में कुछ होता तो अमीर बनने के हथकंडे वो भी सिख जाते ,
परन्तु मंजूर न था , किस्मत को ,::::
कौन नही चाहता की वह अमीर बने ,उसे शोहरत मिले ,
लेकिन ऐसे लोग भी देखे गए है , जिन्हे मेहनत करने के उपरांत भी कुछ
नही मिला ,किस्मत की मेहरवानी से हमने देखा है ऐसे लोगो को भी ,
जो शिक्षित न होते हुए भी उच्च कोटि की पोस्ट पर जा पहुंचे ,ये ही तो है
किस्मत का कमाल ,जिस पर हो जाये मेहरवान , कर दे माला मॉल ,:::::
किस्मत के मारे ऐसे शिक्षित लोग भी देखे है जिनके परिवार का भरण पोषण ,
भी मेहनत करने के उपरांत अच्छी तरह से नही हो पाता ,जिसके वो अधिकारी है।
किस्मत ही इंसान को बुलंदियों की सैर स्पाटे कराती है ,
वह हसाती भी है तो रुलाती भी है ,सफर ज़िंदगी का जुड़ा हुआ है इससे ,
मेहनत का नाम लेकर हम समझोता कर लेते है ,हमने मेहनत की तो
हम अमीर बन गए , मेहनत सभी करते है , परन्तु किस्मत उन्हें अमीर
नही बनने देती।
किस्मत के आकड़ो का ही तो खेल है ,वो हथकंडे , जिनसे इंसान
समर्थ बनने का ढोंग रचता है ,क्योकि आप ने देखा है ,सुना है , एक इंसान के खाते
में पांच साल में ही कई करोड़ो , अरबो की सम्पति हो जाती है। जो सम्भाल भी
नही पाता , ::::::गरीबो को भी नही बाँट पाता :::::::::::
हमने देखा है ,उन हस्तियों को जिन्होंने समाज सेवा ,देश सेवा
में पूरी ज़िंदगी गुजार दी ,परन्तु उन्हें वो सफलता , वो मुकाम नही हासिल हुआ ,
जिसके वो वास्तविक अधिकारी थे , आज , ::::: चूहे चूरमा खा रहे है। :::::::
हसते रहिये , देखते रहिये , जो किस्मत में है , अवश्य मिलेगा ,
दुनिया की ताकत उसे नही छिन सकती। :::::::::::: परन्तु किसी के प्रति
दुर्भावना न रखे , । :::: ये देश भी अपना है , समाज भी अपना है, जो देश में
है , वो भी तो अपना है । :::::::::: मेहनत भी एक सपना है :::::::::::
( बी: एस : शर्मा )
दिल्ली
किस्मत एक चक्रव्यूह है।
कभी हसाती है तो कभी रुलाती है
ज़िंदगी के सभी खेल , इसकी गिरफ्त में है ,
यही तो है ,जो इंसान के साथ ,उठा पठक
तरह तरह के अभ्यास एवं तजुर्बे करना सिखाती है
इंसान " आशा "के दम पर रोज नए नए तजुर्बे करता है /
किस्मत को आजमाने का प्रयास भी। . :::::::::
किस्मत के साथ एक सब्द मेहनत को जोड़ कर संतोष
कर लेते है , जिसे चोली -दामन का साथ बताया जाता है।
यह ठीक है की मेहनत इंसान की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है ,
ज़िंदगी में उतार चढ़ाव लाती है ,परन्तु मिलेगा वो ही जो
प्रालब्ध में है।
हमने देखा है उन महंती लोगो को शर्दी ,गर्मी ,बरसात एवं
लूह के उन थपेड़ो में काम करते हुए ,जिन्होंने ,उँची उँची मंजिलो पर
चढ़कर , ईंटे पहुँचाने का काम किया ,बिल्डिंगों का निर्माण किया
या करवाया ,उनकी मेहनत में न कोई कसर बाकि रही , न ही कोई दुर्भावना ,
परन्तु उन मेहनती लोगो को वो ही हासिल हो पाया ,जो उनकी किस्मत में था .
यदि किस्मत में कुछ होता तो अमीर बनने के हथकंडे वो भी सिख जाते ,
परन्तु मंजूर न था , किस्मत को ,::::
कौन नही चाहता की वह अमीर बने ,उसे शोहरत मिले ,
लेकिन ऐसे लोग भी देखे गए है , जिन्हे मेहनत करने के उपरांत भी कुछ
नही मिला ,किस्मत की मेहरवानी से हमने देखा है ऐसे लोगो को भी ,
जो शिक्षित न होते हुए भी उच्च कोटि की पोस्ट पर जा पहुंचे ,ये ही तो है
किस्मत का कमाल ,जिस पर हो जाये मेहरवान , कर दे माला मॉल ,:::::
किस्मत के मारे ऐसे शिक्षित लोग भी देखे है जिनके परिवार का भरण पोषण ,
भी मेहनत करने के उपरांत अच्छी तरह से नही हो पाता ,जिसके वो अधिकारी है।
किस्मत ही इंसान को बुलंदियों की सैर स्पाटे कराती है ,
वह हसाती भी है तो रुलाती भी है ,सफर ज़िंदगी का जुड़ा हुआ है इससे ,
मेहनत का नाम लेकर हम समझोता कर लेते है ,हमने मेहनत की तो
हम अमीर बन गए , मेहनत सभी करते है , परन्तु किस्मत उन्हें अमीर
नही बनने देती।
किस्मत के आकड़ो का ही तो खेल है ,वो हथकंडे , जिनसे इंसान
समर्थ बनने का ढोंग रचता है ,क्योकि आप ने देखा है ,सुना है , एक इंसान के खाते
में पांच साल में ही कई करोड़ो , अरबो की सम्पति हो जाती है। जो सम्भाल भी
नही पाता , ::::::गरीबो को भी नही बाँट पाता :::::::::::
हमने देखा है ,उन हस्तियों को जिन्होंने समाज सेवा ,देश सेवा
में पूरी ज़िंदगी गुजार दी ,परन्तु उन्हें वो सफलता , वो मुकाम नही हासिल हुआ ,
जिसके वो वास्तविक अधिकारी थे , आज , ::::: चूहे चूरमा खा रहे है। :::::::
हसते रहिये , देखते रहिये , जो किस्मत में है , अवश्य मिलेगा ,
दुनिया की ताकत उसे नही छिन सकती। :::::::::::: परन्तु किसी के प्रति
दुर्भावना न रखे , । :::: ये देश भी अपना है , समाज भी अपना है, जो देश में
है , वो भी तो अपना है । :::::::::: मेहनत भी एक सपना है :::::::::::
( बी: एस : शर्मा )
दिल्ली
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