Friday, June 17, 2016

         भृगुवंशी ( ज्योतिषी ब्राह्मण ) युवक युवती परिचय सम्मेलन
                                                      दिनांक।  २२ मई ,२०१६
                                          सनातन धर्म मंदिर ,चाणक्य प्लेस,नई दिल्ली। ५९
बन्धुवर
                  वक्त के बदलते परिवेश में जिस प्रकार हम लोग सौन्दर्य प्रशाधन एवं विलासिता की ओर बढ़ रहे है
घर की रसोई एवं बेड रूम की सभी वस्तुओं को वर्तमान युग में बदल रहे है ,ठीक उसी प्रकार हमारा धयान
समाज की रूढ़िवादी परम्पराओ को खत्म करने एवं समाज हित में सामाजिक  कार्य करने की और भी ध्यान देना चाहिए।  आज युवक युवती परिचय सम्मेलन उसी कड़ी की एक छोटी से भेट आपको मिल रही है , आशा है आप इससे सहमत होते हुए , समाज हित में एक दृस्टि कोण बना कर आगे बढ़े , जिससे हमारी भावी पीढ़ी को लाभ मिले और रूढ़िवादी परम्पराओ को खत्म भी करें/ .
              वर्तमान में देखा जाए तो इस प्रकार के आयोजन समय की पुकार है , हमे इसके फायदे अनेक और हानि नाम मात्र भी नहीं , सभी लोग गुनगुनाते रहते है की  " हम क्या थे , क्या हो गए , आगे क्या होगे अभी ,
ाऔ  बैठकर विचारे इस मसले को सभी '
             आप जानते है , देखा है , महसूस किया है ,सुना भी है की सभी अविभावक विवाह योग्य बच्चों के
संबंधों के लिए चिंतित रहते है , उन्हें गाव - गाव , शहर ,शहर घूमने के उपरांत भी संबंध बनाने में कठिनाई
आती है।, यहाँ तक की इस उधेड़ बुन के चक्रव्यूह में लाखो रूपये खर्च भी हो जाते है।  परिणाम इतना सब
करने के  उपरान्त भी बच्चों के अनुरुप संबंध नहीं हो पाते , जिसके बच्चे हक़दार है , केवल समझौता करना ही
एक मकसद बन जाता है।   यह स्वाभाविक है की बच्चे अपने अनुरुप जीवन साथी भी चाहते है ,ऐसे आयोजन हमारी उन सभी आकांक्षाओं में मदद कर सकते है।
              आज आपके सामने प्रयास किया गया है की आयोजन में नौकरी पेशा वर्ग , व्यवसाई ,डिग्री
होल्डर सभी वर्ग के बच्चे सम्मिलित हो , और अपने अनुरुप जहां भी जिसकी सेटिंग बनती है , जीवन साथी का
चुनाव एक ही छत के निचे , एक मंच पर बैठ क्र हो जाए। इन सब बातो को एक सूत्र में देखते हुए , फैसला
किया गया की दिल्ली में युवक युवती परिचय सम्मेलन किया जाए , जो आज आपके सामने होने जा रहा है।
किसी ने  कहा है की :: -  मुस्किले चाहे लाख हो ,लेकिन एक दिन तो हल होती है ,
                                     ज़िंदा लोगो की दुनिया में अकसर हलचल होती है  ::::::

            आप सभी जानते है की हमारे बिच में ऐसे लोग , कार्यकर्ता विराजमान है जो समाज हित के
कार्यो से जुड़े हुए है , लेकिन हम उन खास कार्यो पर फॉक्स नहीं क्र पाते , जिसकी वर्तमान में जरूरत है ,
सामूहिक विवाह सम्मेलन भी उसका एक हिस्सा है।  कुछ लोग मंदिर धर्मशालाओं पर भी अपना ध्यान
लगाए हुए है , ये सभी कार्य समाज हित में कहे जा सकते है ,परन्तु सभी लोगो को इनका भरपूर फायदा
नहीं मिल पा रहा , क्योकि सामूहिक विवाह सम्मेलनों में मिडिल इनकम ग्रुप के बच्चे कम देखे गए है ,
सी प्रकार धर्मशाला और मंदिर
से भी  सभी लोग लाभान्वित नहीं हो पाते , वो स्थानीय लोगो का या फिर कुछ कार्यकर्ता ही उसका
फायदा उठा पाते है , खैर वक्त आ गया है की अब हमे विचारों को नया आयाम देने का , नए नए सोर्स
पैदा करने का , जिससे समाज के लोग ज्यादा से ज्याद लाभान्वित हो सके।  यह तभी हो सकता है की
हम सभी एक मत होकर  एक  " जनून  " बनाकर  नई मुहीम को जन्म देकर  एक नया  इतिहास लिखने का
प्रयास करें , २१ वि शदी में रूढ़िवादी परम्पराओ का खात्मा करते हुए भावी पीढ़ी के लिए कुछ ऐसे पोधे
लगाते  चले , जिससे भावी पीढ़ी को उसका भरपूर फायदा मिल सके , यह तभी होगा जब समाज के कार्यो में
हमारी एक विचारधारा बन पायेगी।  इसमें दो राय नहीं की युवा पीढ़ी सभी पढ़ लिख क्र एक सर्जनात्मक पहल
को जन्म  देकर आगे बढ़ रहे है , और अविभावक भी उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर उनके सपने को
साकार करने हेतु करत संकल्प होते दिखाई दे रहे है।
कुछ पंक्तिया आपको कहना चाहुगा  : -
      मिलेगी मंजिले हमे तू कुछ करने के लिए आगे तो बढ़ ,
      कुछ रिस्क लेकर " जज्बा " बना , अपनी कह दूजे की सुन ,
      एक दिन लग जाएगा पौधा + शंकाओं " के किले मत बाँध ,  समाजहित  में  बढ़ चल ,
      आज नहीं तो कल महकेगा चमन , खिलेगा कमल ,  नित नई बहार बनकर ,
      न तू , फल खाने की आश लगा , समय की पुकार माली बदलते रहते है ,
      पौधा लगाता कोई , खाता कोई ,  चक्रव्यूह से निकल , कुछ आगे बढ़ और सोच ,
     इत्मीनान रख ,  जो  खायेगा , वो भी तो कोई गैर नहीं , सभी अपने ही तो है "
बन्धुवर
            हम सभी मिलकर आज यह एक नई पौध @ युवक युवती परिचय समिति " के रूप मेंलगाने जा रहे
है , जिनका उद्देश्य एक ही छत के निचे दो दिलो का संगम , उनके विचारों के अनुरुप , उनकी भावनाओ के अनुरुप  हो जाए ,  इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है , इसे समाज हित में एक नई स्फूर्ति , सर्जनात्मक पहल का जन्म होगा , आगे आने वाली पीढ़ी को निसंदेह अच्छे फल खाने को मिलेंगे।
नमस्कार                                                                  

                                                                        ::::::::::                          ( बी. एस. शर्मा  )
                                                                                                         मुख्य  संस्थापक
                                                                                                  भृगुवंशी ,ज्योतिषी ब्राह्मण ,युवक
                                                                                                      युवती परिचय समिति ,दिल्ली




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