Bhirguvanshi (भृगुवंशी समाज का उथान केसे हो ) B.S.Sharma.9810710034
भृगुवंशी समाज का उत्थान कैसे हो यह सभी सामाजिक कार्यकर्ताओँ के लिये विचारणीय विषय बना हुआ है ,सभी प्रयत्न शील है। मै समझता हु की हम लोग जहां जहां सम्मेलनों का आयोजन करते है भाषणो के प्रवाह मे बह जाते है और समाज़ के वास्तविक मुद्दो पर बोलने से भटक जाते है। सम्मेलन आयोजको के पास उसके लियें कोइ ठोस मुददा नही होता इसलिए आगंतुक भी निराश होकर चला जाता
है। यदि आयोजको के पास बोलने के लिये पहले से हि मुद्दे हो तो निसन्देह उस पर चर्चा या बहस करके मुद्दे को अन्तिम रुप दिया जां सक्ता है। अतः मै भरगुवंशी समाज कि चल रही सभी सभाओ\संस्थाओ /समितियों के संचालको से निवेदन करना चाहूगा कि जब जब एसे आयोजन करने कि रूपरेखा तय करे उंसी के साथ सामाजिक उथान के मुद्दे भी एजेंडे मे शामिल कर ले तथा लोगो को ऐजेंडे पर अपने विचार रखने के लिएप्रोत्साहित करें ,परिणामतः लोगोँ कि भावनाओ को बल मिलेगा,समाज क्या चाहता हैं ,आयोजको क़ो स्माज सेँवा क़े लिये संघरसशील होकर काम करणे क़ी लालसा प्रज्वलित होगी.
बी'एस ,शर्मा
भृगुवंशी समाज का उत्थान कैसे हो यह सभी सामाजिक कार्यकर्ताओँ के लिये विचारणीय विषय बना हुआ है ,सभी प्रयत्न शील है। मै समझता हु की हम लोग जहां जहां सम्मेलनों का आयोजन करते है भाषणो के प्रवाह मे बह जाते है और समाज़ के वास्तविक मुद्दो पर बोलने से भटक जाते है। सम्मेलन आयोजको के पास उसके लियें कोइ ठोस मुददा नही होता इसलिए आगंतुक भी निराश होकर चला जाता
है। यदि आयोजको के पास बोलने के लिये पहले से हि मुद्दे हो तो निसन्देह उस पर चर्चा या बहस करके मुद्दे को अन्तिम रुप दिया जां सक्ता है। अतः मै भरगुवंशी समाज कि चल रही सभी सभाओ\संस्थाओ /समितियों के संचालको से निवेदन करना चाहूगा कि जब जब एसे आयोजन करने कि रूपरेखा तय करे उंसी के साथ सामाजिक उथान के मुद्दे भी एजेंडे मे शामिल कर ले तथा लोगो को ऐजेंडे पर अपने विचार रखने के लिएप्रोत्साहित करें ,परिणामतः लोगोँ कि भावनाओ को बल मिलेगा,समाज क्या चाहता हैं ,आयोजको क़ो स्माज सेँवा क़े लिये संघरसशील होकर काम करणे क़ी लालसा प्रज्वलित होगी.
बी'एस ,शर्मा
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