Monday, October 5, 2015

डाकोत ब्राह्मण के वेश ( रूप ) में दूसरी जातियों , वर्ग के लोगो द्वारा शनिवार के दिन शनि दान ग्रहण करना।

               सेवा  में ,
                            श्री मान  प्रधान मंत्री ,
                          भारत सरकार ,
                        देल्हि.
विषय               डाकोत  ब्राह्मण  के वेश ( रूप ) में दूसरी जातियों , वर्ग के लोगो द्वारा   शनिवार  के दिन 
                      शनि दान ग्रहण करना।
श्रीमान जी ,
                     निवेदन है की भारत की राजधानी दिल्ली में  भिक्षावृति  एक चुनौती के रूप में उभर कर सामने आ रही है। जिसका कोई ठोस उपाय नही मिल पा रहा , सरकार या पुलिस प्रशाशन लचीला रुख अपना रही है।
कारण कुछ भी हो ,परन्तु लोगो को कठिनाई का सामना तो करना ही पड़ता है।  वैसे तो भारत के मेट्रोपोलिटन शहरों  या बड़े बड़े शहरों में भिखारियों की कमी नही लेकिन दिल्ली में बाहर के लोगो के आने के कारण यह पर
भिक्षावृति कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है।
                   आजकल  प्राय  शनिवार के दिन चौराहो पर गलियो में , मंदिरो के आस पास ( एक पॉट ) में
(शनि आइडल)  लेकर लोगो में भिक्षावृति का जनून  हद पार कर चूका है।  चौराहो पर तो काफी काफी समय तक  वाहनो के लम्बी लम्बी  कतारे  देखने को मिलेगी  , जिसका निवारण पुलिस प्रशासन के पास भी नही मिल सकता।  इसके कारण दिल्ली की कानून व्यवस्था  पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाते है , स्वाभाविक माना  जायेगा ,
जहां  घंटो घंटो आवागमन में  बाधा  पहुंचे तो प्रश्नचिन्ह लगना  कोई नई बात  नही। ,    
                 शनि दान वैसे तो एक ( Religious prtha)  बताई जाती है क्यों की शनि महाराज एक कड़क गृह
के रूप में देखा जाता है , इसका दान देने से कस्टो में कमी आये या न आये , परन्तु इसे आस्था के रूप में देखा
जाता है।  इसलिए भारतवर्ष में असंख्य छोटे बड़े शनि मंदिर बनते जा रहे है, जहा पर अनुमानित बड़े बड़े मंदिरो में  ही  करोड़ो का चढ़ावा आता है।  वैसे तो यह भी बताया जाता है की शनि दान केवल ( डाकोत ब्राह्मण) को
ही दिया जाना  चाहिए , परन्तु  यहाँ तो डाकोत ब्राह्मण के वेश (रूप) में दूसरी जाती के लोग ,दसरे वर्ग शनि
दान ग्रहण कर रहे है।  उसका कारण यह ही  माना जा सकता है की  जाति का बिल्ला किसी के माथे पर अंकित
नही है।
                यहां  कहना यह भी उचित होगा की बड़े बड़े शनि मंदिरो में ट्रस्ट बने हुए है , मैनेजिंग कमेटी बनी
हुई है ,परन्तु उन ट्रस्टी , मैनेजिंग कमेटी में ( डाकोत ब्राह्मण ) कोई नही होता ,यहाँ  तक की मंदिर का पुजारी भी  डाकोत ब्राह्मण नही होता। कारण कुछ भी हो सकते है ,परन्तु यह तो मान कर चलना ही होगा की शनि
दान डाकोत ब्राह्मण को ही देने से कस्टो में निवारण होता है ,कहा  तक सत्य है , यह तो बड़े बड़े आचार्य, बड़े बड़े पंडित  या हमारे ग्रन्थ ही से प्रमाणित हो सकता है. परन्तु देखना यह है की भिक्षावृति या शनि दान  दूसरी
जाती के लोग क्यों करते है , हमे यह मान कर चलना होगा की वर्तमान में भिक्षावृति या दान लेने के अतिरिक्त
इससे सस्ता व्यवसाय कोईु  है ही नही जिसमे अपने पास से से कुछ देना नही होता , न ही परिश्र्म की जरूरत।
               यह भी सुना जाता है की डाकोत ब्राह्मण  जिन्हे  शनिष्र्या ,शनि , शनिदेव महाराज इत्यादि ,तरह
तरह के नमो से जाना जाता है , उन्हें आत्मगिलानी होती है ,क्यों की उन्हें इस धंदे के कारण सम्मान जनक
नजरो से नही देखा जाता ,यह मुद्द्तों से देखा जा रहा है।  वैसे तो डाकोत ब्राह्मण मह्रिषी भरगु जी के वंसज
एवं  डक  ऋषि  की संतान कहा  जाता है , लेकिन ( उन्हें degrade brahmno ) me   रखा गया है क्यों की ये लोग
शनि दान ग्रहण करते है। देखा जाये तो शनि दान बड़े बड़े मंदिरो में उच्च कोटि के ब्राह्मण ,पंडित ग्रहण कर रहे है ,फिर इनके साथ इतना भेद भाव क्यों।
              वर्तमान में डाकोत ब्राह्मणो के बच्चे इस पेशे से बचना चाहते है ,वे बच्चे शनि दान लेना , भिक्षव्रती
करना चिट नही समझते ,कई  बार मीडिया की रिपोर्ट में पढने को मिला है।  वे बच्चे अपना नौकरी , व्यवसाय या मेहनत मजदूरी करना पसंद करते है ,अधिकतर डाकोत जाति  के लोगो ने भिक्षव्रती बंद कर दी है ,कुछ थोड़े बहुत  ही मजबूरी में इस पेशे से जुड़े होगे।  यही कारण है की दान  दाता को कस्टो में निवारण नही हो पाता क्यों
की दान दूसरी जाति के लोग ग्रहण कर रहे है।  ( जोशु प्रोजेक्ट ) के सर्वे के अनुसार डाकोत ब्राह्मणो की संख्या
भारतवर्ष में केवल एक लाख के करीब आंकी  गई है ,जबकि भिखारियों की संख्या दिल्ली में ही २०१२ के सेर्वेय
के अनुसार ५८००० बताई गई है।  ऐसा प्रतीत होता है की शनि दान ग्रहण करने वाले डाकोत ब्राह्मण के रूप में
दूसरी जाती के लोग है. तथा ( scapegoat ) dakot jati ke log bne huye hai .
                कई  जगह  यह कार्य एजेंट करवाते देखे जा सकते है। दिल्ली जैसे शहर में भीड़ भाड़ वाले इलाको
में कनॉट प्लेस ,पहाड़ गंज  इत्यादि जगहों पर ( एक पॉट में शनि idol )रख दिया जाता है ,उसमे थोड़ा तेल
ड़ाल  कर  धुप और दिया जला दिया जाता है , मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एजेंट ६०-७० रुपए देकर छोटे बच्चो
को हायर करके  शाम तक पॉट में २५००-३००० रूपये तक दान के रूप में जो आता है शाम को एजेंट आकर उसे
ले जाता है और इस प्रकार एजेंट अपनी कमाई करते है।
               इन सब बातो को मध्य नजर रखते हुए  मै भारत सरकार , दिल्ली सरकार एवं पुलिस प्रशाशन से
अनुरोध करना चाहुगा की वो भिक्षव्रती पर कोई ठोश कदम उठाया जाये तो उचित होगा। इसके विषय में आपकी सेवा में कुछ सुझाव देना चाहुगा , यदि उचित हो तो कारवाही अमल में लाइ जाए।
१.  शनि दान (  Religious prtha) के रूप में मानी जाती है , डाकोत ब्राह्मण जाति के जो कुछ थोड़े बहुत लोग इस पेशे से जुड़े हुए है उन्हें  Identify करके  आइडेंटिटी कार्ड इशू कर दिए जाये। उससे यह भी ज्ञात हो जायेगा की शनि दान किस जाती के लोग ग्रहण कर रहे है।
२. शनिवार के दिन भीड़ भाड़ वाली जगह पर एक पॉट में शनि आइडल रख कर चले जाते है , कानून व्यवस्था पर  भी असर पड़ता है , ऐसे जगहों पर यदि हो सके तो पुलिस प्रशासन उन एजेंटों  को रोके , या जो भी उचित
कार्यवाही नियमो के अनुसार  होनी चाहिए , करे  ताकि लोगो  में राहत मिले   .
३. शनिवार के दिन शनि मंदिरो के आस पास पुलिस गस्त और बढ़ा दी जाये , गलियो में भी इस प्रकार के
भिक्षुक्शु पर अंकुश लगाया जाये तो बेहतर  होगा , क्योकि  दिल्ली में बेग्गींग एक्ट लागू है  ज़िसे अम्ल में
नही लाया जा रहा , कारण कुछ भी कहे जा सकते है  .
४. भारत वर्ष में बड़े बड़े शनि मंदिर जहा पर डाकोत ब्राह्मण न तो ट्रस्टी है , न  ही पुजारी है , न ही मैनेजमेंट
कमेटी  में रखा गया है , वहां  पर जो भी शनिवार के दिन करोड़ो का चढ़ावा आता है , वह डाकोत ब्राह्मण तक
नही पहुंच पाता  जिसका वह अधिकारी है , यह डाकोत जाति के साथ अन्याय ही कहा  जा सकता है क्योकि
करे कोई भरे कोई , यह लोकोक्ति  यहां  चरितार्थ होती है  , आत्म गिलानी के शिकार डाकोत ब्राह्मण और
दान ग्रहण करने वाले कोई और लोग।  अत: इस विषय में भी  कोई उचित निर्णय लिया जाये। तभी दानदाता  को कस्टो  में निवारण महसूस  होग़ा.
               आपकी अति कृपया होगी /
                                                                            भवदीय
                                                         ( B. S . Sharma  ) 
                                        A.79 Chankya Place , 25 feet Road , C.1 Janakuri Dilli
                                                   New Delhi .110059 .

 प्रतिलिपि   :.     Chief Justice of India for information .
                   2. Commissioner of Police , Delhi for n\action.
                   3. Chief minsiters of Every state for information and n\action.
                 





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