.. 40: 13th June, 2014......
Delhi .......
B.S.Sharma....
(Rachnakar )...
: भृगु - ब्राहम्ण समाज के मनचले :
कौन कहता है आकाश में सुराख नही हो सकता ,
भृगु-ब्राहम्ण समाज के किसी मनचले को ,
आवाज तो मारो यारो,
इनकी बस्ती में एक बार पधारो तो यारो ,
जहां सरे आम पढ़े लिखो को बुद्धु बनाया जाता है ,
किस्मत को रंगीन भी व् संगीन भी बनाया जाता है ,
वहां आकाश तो क्या ,
पूरा ब्रह्माण्ड ही नजर आने लगता है ,
आकाश में सुराख़ तो ,
एक मामूली बात है ; :::::::::::::::::
Delhi .......
B.S.Sharma....
(Rachnakar )...
: भृगु - ब्राहम्ण समाज के मनचले :
कौन कहता है आकाश में सुराख नही हो सकता ,
भृगु-ब्राहम्ण समाज के किसी मनचले को ,
आवाज तो मारो यारो,
इनकी बस्ती में एक बार पधारो तो यारो ,
जहां सरे आम पढ़े लिखो को बुद्धु बनाया जाता है ,
किस्मत को रंगीन भी व् संगीन भी बनाया जाता है ,
वहां आकाश तो क्या ,
पूरा ब्रह्माण्ड ही नजर आने लगता है ,
आकाश में सुराख़ तो ,
एक मामूली बात है ; :::::::::::::::::
No comments:
Post a Comment